
सर्दी गई आ गई प्रिय वसंत
चारों ओर है खुशियां अनंत
प्रकृति ने किया पूरा शृंगार
फसल हुई नई नवेली दुल्हन सी तैयार
नया सवेरा, नई शुरुआत
भूल जाओ पुरानी बात
चिड़ियां चहचाई चली मधुर पवन
आमों में आया बौर महक उठा मधुबन
जीवन में भर लो उत्साह और उमंग
आ रहा होली का त्योहार जीवन में भर लो रंग
जगाओ अपने अंदर आत्मविश्वास
सफलता का होगा मधुर-मधुर आभास
शीतल मंद समीर का झोंका
जीवन में मिल गया सुंदर मौका
शिक्षा संस्कार संस्कृति और विज्ञान
आगे बढ़ और अपने आप को पहचान
प्रोफेसर (इंजीनियर)
भजनलाल हंस बघेल
प्रिंसिपल
जीवीएन पॉलिटेक्निक कॉलेज
पलवल हरियाणा
9588 523484
Leave a comment
महत्वपूर्ण सूचना -
भारत सरकार की नई आईटी पॉलिसी के तहत किसी भी विषय/ व्यक्ति विशेष, समुदाय, धर्म तथा देश के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी दंडनीय अपराध है। इस प्रकार की टिप्पणी पर कानूनी कार्रवाई (सजा या अर्थदंड अथवा दोनों) का प्रावधान है। अत: इस फोरम में भेजे गए किसी भी टिप्पणी की जिम्मेदारी पूर्णत: लेखक की होगी।