नागपुर पर 701 किलोमीटर के समृद्धि कॉरिडोर पर (Samruddhi Corridor) महाराष्ट्र सरकार ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को श्रद्धांजलि देने के लिए चरखा ब्रिज डिजाइन किया गया है. चरखा महात्मा गांधी का प्रतीक है जिसे स्वदेशी के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है.
यह ब्रिज 315 मीटर का वर्धा जिले का प्रवेश स्थल होगा, जो सेवाग्राम आश्रम के लिए जाता है. जहां से महात्मा गांधी ने 12 साल तक देश का नेतृत्व किया. महात्मा गांधी ने चरखा उठाकर स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की और विदेशी सामान खरीदने के बजाय साथी देशवासियों को अपने कपड़े बनाने के लिए प्रोत्साहित किया.
पुल के डिजाइन में तीन पहिए होंगे. दो बड़े छल्ले 40 मीटर व्यार के होंगे और एक छल्ला 16 मीटर का होगा. छह लेन वाली सड़क पर वर्धा नदी पर बनेगा, पुल पर दो सर्विस लेन होगी.
बढ़ती महाशक्ति है भारत
पुल का डिजाइन फेक्ट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने किया है. इसके निदेशक दीप डे, ने कहा कि "हमने ऐसे विषयों को चुना है जो एक बढ़ती महाशक्ति के रूप में भारत के दृष्टिकोण को दिखाए. चरखा 'मेक इन इंडिया' अवधारणा का प्रतिनिधित्व करता है और वर्धा का एक प्रतीकात्मक पहचान भी है."
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