ट्रंप की बीमारी और हैरतअंगेजअमेरिकी चुनाव, उतना ही अप्रत्याशित होगा परिणाम

अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के ठीक एक महीने पहले डोनाल्ड ट्रंप का कोविड-19 पॉजिटिव-टेस्ट और फिर आश्चर्यजनक तरीके से उनका स्वस्थ हो जाना काफी रोचक प्रकरण है। भगवती चरण वर्मा के शब्दों में, 'मुला स्वांग खूब भरयो।' इन पंक्तियों के लिखे जाने तक की खबरें हैं कि उनमें कोरोना के लक्षण अब नहीं हैं। चार दिन से बुखार नहीं आया है। वह अस्पताल से व्हाइट हाउस वापस आ गए हैं और अब कह रहे हैं कि 15 अक्टूबर को जो बिडेन के मुकाबले मायामी में होने वाली डिबेट में भाग लेंगे।

'वॉल स्ट्रीट जरनल' की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप के आसपास जो अधिकारी रहते हैं, वे मास्क और आंखों पर गॉगल लगाते हैं, पर ट्रंप मास्क पहनते हैं या नहीं, इसका पता नहीं। डॉक्टरों का कहना है कि अभी उनकी सेहत पर नजर रखनी होगी। पहले प्रशासन ने माना था कि उनकी तबीयत जितनी अच्छी बताई जा रही थी, उससे ज्यादा खराब थी। अब ट्रंप ने एक वीडियो जारी करके कहा है कि कोरोना संक्रमित करके ईश्वर ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया है, 'आयुष्मान भवः।'

चुनाव में करीब तीन हफ्ते का समय बाकी है। उम्मीद थी कि वह अक्टूबर महीने में कोई सरप्राइज देंगे। पर अब उनकी बीमारी ने सबसे बड़ा सरप्राइज दिया है। इतना तय है कि इस बार का चुनाव हैरतअंगेज होगा। सब मान रहे हैं कि मुकाबला कड़ा है। पर 'विश्वसनीय चुनावपूर्व सर्वेक्षणों' की घोषणाओं के बावजूद परिणाम को लेकर गोल-मोल बातें हो रही हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि मतगणना की शुरुआत में ट्रंप जीत की ओर बढ़ते नजर आ सकते हैं, पर हो सकता है कि हफ्ते भर बाद हार जाएं। कई राज्यों में फिर से मतगणना हो सकती है। अदालतों में याचिकाएं दाखिल हो सकती हैं।

अमेरिका की व्यवस्था को देखते हुए हैरतअंगेज बातें असंभव नहीं हैं। वहां यह संभव है कि पूरे देश में समग्र रूप से ज्यादा वोट पाने वाला हार जाए, क्योंकि एक राज्य में जैसे ही किसी प्रत्याशी की जीत होती है, उस राज्य के सारे प्रतिनिधि उसके खाते में आ जाते हैं। ऐसे में पूरे देश के मतदाताओं से ज्यादा महत्वपूर्ण है, अलग-अलग राज्यों में जीतना। कुछ राज्य डेमोक्रेट और कुछ रिपब्लिकन माने जाते हैं, और कुछ का रुख अनिश्चित रहता है। ऐसे स्विंग स्टेट्स की संख्या नौ से 13 तक हो सकती है।

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