विद्यालय की तमन्ना अभिताभ को मिले भारत रत्न

 पांच दशकों से फिल्मी दुनिया में अपने अभिनय की चमक बिखेरने वाले अभिताभ बच्चन के नाम पर निर्मित यहां एक विद्यालय के शिक्षकों और छात्रों की तमन्ना है कि सदी के महानायक को सही मायनो में भारत रत्न के सम्मान से नवाजा जाना चाहिये।

फिल्मकार .ख्वाजा अहमद अब्बास द्बारा निर्मित सात हिन्दुस्तानी से अभिताभ ने 1969 में फिल्मी दुनिया में पदार्पण किया था हालांकि 1973 में प्रदर्शित बी आर चोपड़ा की फिल्म 'जंजीर' की सफलता ने उनकी एंग्री यंग मैन की छवि बनायी जिसके बाद साल दर साल उन्होने एक से बढè कर एक हिट फिल्म दी और आज भी बालीवुड में उन्हे शहंशाह के तौर पर जाना जाता है।

इटावा के सैफई में महानायक के नाम पर करीब 25 साल पुराने विद्यालय के प्रधानाचार्य से लेकर छात्र छात्राओं की चाहत है कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को हराने वाले मेगास्टार को अब देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से विभूषित करने का समय आ गया है। उम्र के इस पड़ाव में भी उनके प्रशंसकों की संख्या दिन पर दिन बढè रही है। वह देश के करोड़ों युवाओं के रोल माडल है जो समय समय पर सरकार और निजी संस्थाओं के माध्यम से जन जागरूकता कार्यक्रम में बढè चढè कर अपना योगदान देते रहते हैं।

अभिताभ बच्चन इंटर कालेज के प्रभारी प्रधानाचार्य मुकेश यादव ने शनिवार को यूनीवार्ता से कहा '' अभिताभ ना केवल अपने देश में बल्कि कई अन्य देशो मे भी एक शानदार कलाकार के रूप मे जाने जाते है जिनसे वर्तमान पीढèी निरंतर सीखते हुए आगे बढ रही है। वह एक उम्दा कलाकार होने के साथ साथ बेहतरीन इंसान भी है जो आपदाकाल मे भी लोगो की मदद व उत्साहवर्धन करते आ रहे है। उनमें वह सभी खूबियां है जो हम भारत रत्न में देखना चाहते है। ''

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