नौ रात्रि के शुभ अवसर पर देश की नारी शक्ति को शत शत नमन 

दीप से दीप जलाते चलें
नौ रात्रि के शुभ अवसर पर देश की नारी शक्ति को शत शत नमन 
करते हुए निम्न गीत उन्हें समर्पित है:- 
शान्ति से ओतप्रोत नारी युग की शुरूआत हो चुकी है!
    नारी हो तुम, अरि न रह सके पास तुम्हारे, धैर्य,             
         दया, ममता बल हंै विश्वास तुम्हारे।। 
    कभी मीरा, कभी उर्मिला, लक्ष्मी बाई, कभी पन्ना,             
        कभी अहिल्या, पुतली बाई। 
    अपने बलिदानों से, इतिहास रचा रे। 
    नारी हो तुम, अरि न रह सके पास तुम्हारे, 
    धैर्य, दया, ममता बल हंै विश्वास तुम्हारे।। 
    अबला नहीं, बला सी ताकत रूप भवानी, पहचानो             
        अपनी अद्भुत क्षमता हे कल्याणी। 
    बढ़ो बना दो, विश्व एक परिवार सगा रे।। 
    नारी हो तुम, अरि न रह सके पास तुम्हारे। 
    धैर्य, दया, ममता बल हंै विश्वास तुम्हारे। 
    महिला हो तुम, मही हिला दो, सहो न शोषण,             
         अत्याचार न होने दो, दुष्टांे का पोषण। 
    अन्यायी अन्याय मिटा दो, चला दुधारे।। 
    नारी हो तुम, अरि न रह सके पास तुम्हारे, 
    धैर्य, दया, ममता बल हैं विश्वास तुम्हारे।।
प्रस्तुति: विश्व पाल 
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