बहुजन बाहुल्य बस्तियो में प्रबुद्ध पाठशाला की शाखाएं खोलकर बच्चों को बनाएगा कुशाग्र

प्रबुद्ध फाउंडेशन की एक अनोखी पहल-
नृत्य, नाटक व गायन का प्रशिक्षण देकर बहुजन संस्कृति को किया जायेगा मजबूत
प्रयागराज 05 मार्च,  प्रयागराज की एकमात्र संस्था/ ट्रस्ट प्रबुद्ध फाउंडेशन द्वारा एक ओर जहां बहुजन साहित्य, कला और संस्कृति के साथ-साथ बहुजन रंगमंच के संरक्षण, संवर्धन और उसके विकास के साथ-साथ उसके पुनरस्थापत्य के लिए सतत कार्य कर रही है तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण क्षेत्त्रों में स्थित बहुजन बाहुल्य बस्तियों के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पांच से पन्द्रह आयु वर्ग के बच्चों के शैक्षणिक विकास हेतु बहुजन बाहुल्य बस्तियों के मध्य प्रबुद्ध पाठशाला की शाखाएं खोली जा रही है। अभी तक प्रयागराज के यमुनापार की तहसील बारा के अंतर्गत आने वाला थाना घूरपुर की ग्रामसभा दौना, पचखरा, थाना बारा की ग्रामसभा छिड़िया के साथ-साथ तहसील करछना के अन्तर्गत आने वाले थाना कौंधियारा की ग्रामसभा बड़हा, थाना करछना की ग्रामसभा इसौटा, भुण्डा भुवालपुर में पाठशाला की शाखाएं खोली गई तो वही रविवार को तहसील व थाना करछना की ग्रामसभा मछहर का पुरवा में प्रबुद्ध फाउंडेशन के प्रबंधक/सचिव उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने प्रबुद्ध पाठशाला की शाखा  खोली।

       प्रबुद्ध फाउंडेशन के प्रबंधक/ सचिव उच्च न्यायालय के अधिवक्ता आईपी रामबृज ने प्रबुद्ध पाठशाला खोले जाने पर बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की पठन-पाठन की व्यवस्था बद से बस्तर हो गई है। जूनियर तक के बच्चे जिन्हें अच्छी तरह से दस तक का पहाड़ा नहीं आता। दो अंकों का गुड़ा, जोड़, घटाना भी नहीं आता। बेशिक शिक्षा विभाग जूनियर तक के बच्चों को बिना अनुत्तीर्ण किये सबको उत्तीर्ण कर देता है। ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च प्राथमिक तक के विद्यालयों में अधिकतर पंचानबे प्रतिशत बच्चे बहुजन समाज से होते हैं जिनके शैक्षणिक विकास के लिए प्रबुद्ध फाउंडेशन द्वारा बाहुजन बाहुल्य बस्तियो में प्रबुद्ध पाठशाला संचालित की जा रही है। यह पाठशाला प्रत्येक रविवार को दोपहर 12:00 से अपराह्न 4:00 बजे तक तथा प्रतिदिन अपराह्न 4:00 से शाम 6:00 बजे तक चालाई जाएगी। एक ओर जहां प्रबुद्ध पाठशाला बहुजन समाज के बच्चों का गणित, विज्ञान और अंग्रेजी विषय को मजबूत कर उन्हें कुशाग्र बनायेगा तो वहीं दूसरी ओर बहुजन साहित्य, कला और संस्कृति के साथ साथ बहुजन रंगमंच के संरक्षण संवर्धन और उसके विकास के साथ-साथ बहुजन रंगमंच के पुनरस्थापत्य हेतु बहुजन बाहुल्य बस्तियों के मध्य पांच से पंद्रह आयु वर्ग के बच्चों के सृजनात्मक, कलात्मक और व्यक्तित्व विकास हेतु नृत्य, नाटक व गायन का भी प्रशिक्षण देकर बहुजन संस्कृति को पुनरस्थापित किया जाएगा और बच्चों के अंदर छिपी प्रतिभा को बाहर निकालकर गांव से बड़े मंच तक पहुंचाने का भी काम किया जाएगा। यह पाठशाला बहुजन समाज के बच्चो को एक ओर जहां अंधविश्वास, पाखंड, कुरीतियां और कर्मकांड जैसी परंपरा से मुक्त कराकर भारतीय संविधान के अनुरूप वैज्ञानिक सोच पर आधारित बच्चों को तार्किक और विज्ञानवाद से रूबरू कराकर भारत की विलुप्त हो चुकी प्राचीन श्रवण संस्कृति जिसे आज बहुजन संस्कृति के नाम से जाना जाता हैं के पुनरस्थापत्य हेतु कार्य किया जाएगा।

       बैठक मे रामप्रकाश, रविशंकर, राकेश कुमार, अनिल गौतम, राजू, बब्लू, इन्द्र बहादुर, फूलचंद्र, राजू राव, अवधेश कुमार, शीला देवी, सरस्वती, गुलाब कली, लालती देवी के साथ सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

पाल वर्ल्ड टाइम्स की खबरों को शेयर करें और सोशल मीडिया पर भी फॉलो करना न भूलें।