ये हैं भारत का सबसे रहसयमई मंदिरों में से एक जानकर आश्चर्य होगा आपको

अजंता-एलोरा की गुफाएं महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर के समीप स्थित‍ हैं. ये गुफाएं बड़ी-बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं. 29 गुफाएं अजंता में तथा 34 गुफाएं एलोरा में हैं. इन गुफाओं को वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में संरक्षित किया गया है. इन्हें राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा बनवाया गया था. इन गुफाओं के रहस्य पर आज भी शोध किया जा रहा है. यहां ऋषि-मुनि और भुक्षि गहन तपस्या और ध्यान करते थे.

सह्याद्रि की पहाड़ियों पर स्थित इन 30 गुफाओं में लगभग 5 प्रार्थना भवन और

25 बौद्ध मठ हैं. घोड़े की नाल के आकार में निर्मित ये गुफाएं अत्यंत ही प्राचीन व ऐतिहासिक महत्व की हैं। इनमें 200 ईसा पूर्व से 650 ई सा पश्चात तक के बौद्ध धर्म का चित्रण किया गया है। इन गुफाओं में हिन्दू, जैन और बौद्ध 3 धर्मों के प्रति दर्शाई गई आस्था के त्रिवेणी संगम का प्रभाव देखने को मिलता है. दक्षिण की ओर 12 गुफाएं बौद्ध धर्म (महायान संप्रदाय पर आधारित), मध्य की 17 गुफाएं हिन्दू धर्म और उत्तर की 5 गुफाएं जैन धर्म पर आधारित हैं.

 

 

 

 खजुराहो का मंदिर

आखिर क्या कारण थे कि उस काल के राजा ने सेक्स को समर्पित मंदिरों की एक पूरी श्रृंखला बनवाई? यह रहस्य आज भी बरकरार है .खजुराहो वैसे तो भारत के मध्यप्रदेश प्रांत के छतरपुर जिले में स्थित एक छोटा-सा कस्बा है लेकिन फिर भी भारत में ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा देखे और घूमे जाने वाले पर्यटन स्थलों में अगर कोई दूसरा नाम आता है तो वह है खजुराहो. खजुराहो भारतीय आर्य स्थापत्य और वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है.

चंदेल शासकों ने इन मंदिरों का निर्माण सन् 900 से 1130 ईसवीं के बीच करवाया था. इतिहास में इन मंदिरों का सबसे पहला जो उल्लेख मिलता है, वह अबू रिहान अल बरुनी (1022 ईसवीं) तथा अरब मुसाफिर इब्न बतूता का है. कला पारखी चंदेल राजाओं ने करीब 84 बेजोड़ व लाजवाब मंदिरों का निर्माण करवाया था, लेकिन उनमें से अभी तक सिर्फ 22 मंदिरों की ही खोज हो पाई है. ये मंदिर शैव, वैष्णव तथा जैन संप्रदायों से संबंधित हैं।

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