राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय बाबू राम पाल का  गुरूग्राम में भव्य स्वागत किया गया


गुरूग्राम, हरियाणा 27 अक्टूबर। राष्ट्र उदय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा. श्री बाबू राम पाल जी गडरिया समाज की अपनी पार्टी बनाकर पूरे देश में जाकर अपनी पार्टी के विचारधारा को रख रहे हैं। राष्ट्र उदय पार्टी द्वारा आगामी रविवार 26 नंबर 2023 को दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल प्रदर्शन करने जा रहे हैं। अगले वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले गडरिया समाज को जागरूक करने के लिए जंतर मंतर पर रैली करने की जोरदार तैयारी के लिए पूरे एनसीआर और उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश में जाकर गडरिया समाज के लोगों से अपील कर रहे हैं। रविवार 26 नंबर 2023 को अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की कृपा करे। 
    इसी सिलसिले में 26 अक्टूबर को गुरूग्राम, हरियाणा में आयोजित मीटिंग में राम बहादुर पाल के साथ पहुंचे। गुरूग्राम गडरिया समाज के लोगांे ने श्री बाबू राम पाल जी का जोरदार स्वागत किया। श्री पाल ने समाज के सामने पार्टी की विचारधारा को रखा। साथ ही 26 नवंबर को जंतर मंतर पर आने को निमंत्रण दिया। यह मीटिंग टेक चंद मोटर्स, सेक्टर 12, गुरूग्राम पर संपन्न हुई।
    मा. श्री बाबू राम पाल ने राष्ट्र उदय पार्टी के प्रमुख उद्देश्यों के बारे में बताया:- 1. अति पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू कराना। 2. केन्द्र सरकार से रोहणी आयोग की रिपोर्ट लागू कराना। 
3. पशुपालकों तथा पशुओं की समस्याओं का निराकरण खासकर चरवाहा समाज का। 4. मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार एवं महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों पर रोक लगाना। 5. निजीकरण और सरकारी सम्पत्तियों की ब्रिकी पर रोक लगाना। 6. वाहनों के चालकों की अनहोनी घटनाओं की दशा में उनके परिवारों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा हेतु कम से कम पचास लाख रूपये का बीमा कवर और आज्ञितों का चिकित्सकीय बीमा करवाना। 7. खाद्य साम्रगियों पर लगाई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर त्वरित रोक। 8. किसानों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा दिलाना।
    गुरूग्राम की इस मीटिंग में सर्वश्री भूरे लाल पाल, श्याम शंकर पाल उर्फ सचिन पाल, प्रभाकर पाल, टेक चंद बघेल, ज्ञान राज बघेल, देवजीत बघेल, चंद्रेश पाल, सुनील बघेल, मदन पाल, आशीष प्रताप सिंह पाल, ओम प्रकाश पाल, सुरेश पाल, सतवीर बघेल, अमरेश पाल, सूरज बघेल, श्याम सुंदर बघेल, राम शंकर पाल, राम बहादुर पाल, राम शंकर बघेल आदि उपस्थित रहे।
    वोटरशिप विचार के बारे में जाने:- लोकतंत्र की कल्पना मात्र जन प्रतिनिधियों को शक्तिशाली बनाने के लिए नहीं की गई थी। इंग्लैण्ड और फ्रान्स की क्रान्ति के बाद सरकार का खजाना जन प्रतिनिधि लोग अभी तक खर्च कर रहे हैं। समय की मांग है कि अब यह परंपरा आगे नहीं चलनी चाहिए। कम से कम खजाने की अर्थात देश के असली मालिक प्रत्येक वोटर के हिस्से में आने वाली मासिक राष्ट्रीय आय की आधी रकम सीधे वोटरों के खाते में भेजी जानी चाहिए। वोटरों की मर्जी से खर्च की गई रकम को लोकतांत्रिक तरीके से किया गया खर्च समझा जाना चाहिए।
    खजाने से जब तक इण्टरनेट से पैसा ट्रान्सफर करना संभव नहीं था, तब तक अपने पैसे को जन प्रतिनिधियों के माध्यम से खर्च करवाना वोटरों की मजबूरी थी। इण्टरनेट के वर्तमान युग में यह मजबूरी खत्म हो चुकी है। खजाने का पैसा वोटर सीधे अपनी मर्जी से खर्च करेंगे, तो लोकतंत्र की जड़ें और भी मजबूत होगी और आभासी लोकतंत्र के बजाए वास्तविक लोकतंत्र पैदा होगा।
पाल वल्र्ड टाइम्स न्यूज

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