अहिल्याबाई होलकर २९९वीं जयंती के दोहे
राज घराना मालवा, वंश होलकर राव।
रहे अहिल्याबाई के, शिव के प्रति सद्भाव।।(१)
जनता की खातिर जिया, शिव मंदिर उद्धार।
रूढ़िवादिता त्याग कर, रचा नया संसार।।(२)
पिता मानकों शिंद जी, धनगर वंश महान।
देवि अहिल्या धन्य तू, किया लोक उत्थान।।(३)
जग की सभी कुरीतियांँ, लोक लाज को त्याग।
पर उपकारी संयमी, सबके प्रति अनुराग।।(४)
✍️कवि_ अमर पाल पाल अकबरपुर बीघापुर उन्नाव
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