किसान आंदोलन: छठे दौर की वार्ता से पहले कल कैबिनेट की अहम बैठक,

नए कृषि कानून को लेकर किसान संगठन लगातार विरोध कर रहे हैं। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पहली बार किसान संगठनों के साथ बैठक हुई। इस मीटिंग में 13 किसान नेता मौजूद रहें। वहीं, नौ दिसंबर यानी कल बुधवार को किसानों और केंद्र के बीच छठी दौर की बातचीत होनी है। इससे पहले ही मोदी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है। अब इस बात को तय माना जा रहा है कि किसान आंदोलन को लेकर केंद्र कोई बड़ा कदम उठा सकती है क्योंकि लगातार किसान संगठनों का दबाव सरकार पर है और वो इन कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं, बैठक में जाने से पहले किसानों ने कहा कि कोई बीच का रास्ता नहीं है। गृह मंत्री से हां या नहीं में जवाब चाहिए।

इससे पहले पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। लेकिन ये सभी वार्ता बेनतीजा रही। पांचवे दौर की बातचीत से पहले ये माना जा रहा था कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन के आगे केंद्र सरकार झुक सकती है। लेकिन, अब छठे दौर की वार्ता से ठीक पहले किसान नेताओं के साथ गृह मंत्री अमित शाह की पहली बैठक और बुधवार को होने वाली वार्ता से पहले कैबिनेट मीटिंग इस ओर इशारा कर रहे हैं कि मोदी सरकार किसानों को लेकर बड़ा कदम उठा सकती है। इससे पहले बीते गुरुवार को किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच करीब आठ घंटे की बैठक हुई थी। जिसके बाद सरकार ने इसके संकेत दिए थे कि वो कानूनों में संशोधन कर सकती है। इस बैठक में संगठनों द्वारा उठाए गए कुछ बिंदुओं पर केंद्र सरकार द्वारा विचार करने का भरोसा दिया गया था। किसान तीनों कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं। सरकार द्वारा एमएसपी, मंडी टैक्स, कानूनी विवाद से संबंधित बिंदुओं पर पुनर्विचार किया जा सकता है। इन्हीं कानूनों को लेकर किसान संगठन लगातार सरकार को घेर रहे हैं।

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