आइये! चलते हैं आंध्र के इन ख़ूबसूरत बीचों की  सैर पर


         आंध्र प्रदेश के समुन्द्री तट रोमांच से भरपूर होने से पर्यटन में अपनी पहचान बनाते हैं। कुछ बीच इतने मनोहर हैं कि इन पर स्थानीय उत्सवों के दौरान पर्यटकों का अच्छा खासा जमावड़ा देखा जा सकता है। समुद्र में डॉल्फिन की चपलता और क्रीड़ा जैसे कई  अन्य आकर्षण भी यहाँ छुपे हुए नगीनों की तरह मौजूद हैं। बीचों पर पानी के अनेक किस्म के मनोरंजक वाटर स्पोर्ट्स साहसिक पर्यटकों के मनोरंजन का साधन हैं। रामकृष्ण बीच पर सबमरीन और एयरक्राफ्ट जैसे म्युज़िम दर्शनीय हैं। मछलीपट्टनम बीच पर मार्च माह के आखिरी सप्ताह में आयोजित होने वाला नौकाओं से
             जलक्रीड़ा उत्सव बड़ी संख्या में सैलानियों को आकर्षित करता है। लक्ज़री बोट्स की रंगत इस उत्सव में देखते ही बनती है। बोट्स को आकर्षक रूप से सजाया जाता है। उत्सव का आयोजन आंध्र प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा किया जाता है। समुन्द्री तटीय रेखा के साथ, मेपेड़ बीच, कलिंगपटनम बीच, , कोडुरु बीच, मंगिनापुडी बीच, माइपादु बीच, पेरुपलेम बीच, राम पुरम बीच,आरके बीच,  ऋषिकोंडा बीच,सागरनगर समुंद्र तट, सूर्यलंका बीच, टेनेटी पार्क बीच,उप्पदा बीच,वोडारेवु
बीच,यारदा बीच, एवं अंटार्वेडी बीचआदि बीचों पर स्तानीय लोग अपनी शाम व्यतीत कर सुकून और शांति महसूस करते है। प्रमुख बीच इस प्रकार हैं।
रामकृष्ण बीच
          ख़ूबसूरत बीच पर तैरना,वाटर स्पोर्ट्स, सर्फिंग, सूर्य स्न्नान, पारंपरिक नावों पर गहरे समुंद्र एन्गलिंग या क्रूज से समुंद्र  की सैर जैसे मनोरंजन पर्यटकों को यहां खूब आकर्षित करते हैं। पर्यटक यहाँ समुंद्र में मछली पकड़ने, तट पर बॉलीवाल खेलने  और ऊँट की सवारी का भी आंनद लेते देखे जाते हैं। सूर्योदय एवं सूर्यास्त के रंगीन सुंदर नजारे देखते ही बनते हैं। ऐसी सुंदर, आकर्षक और मनभावन गतिविधियों की वजह से यह बीच पर्यटकों का लोकप्रिय और पसंदीदा बीच बन गया है। सैलानी यहां इन खेलों से भरपूर मनोरंजन करते हैं।सैलानियों  की गहमा गहमी से बीच आबाद रहता है। बीच के प्राकृतिक और लुभावने दृश्य मोहक होने से हर किसी को लुभाते हैं। रामकृष्ण बीच और इसका जुड़वां लॉसन बीच प्राकृतिक परिवेश के रूप में शानदार प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करता है। बीच पर चट्टानें होने से सतर्क रहना होता है। इनका आकार डॉल्फिन की नाक की तरह होने से ये डॉल्फिन नोज कही जाती हैं। खाने-पीने का सामान बेचने वाले कई वेंडर्स यहाँ डेरा जमाये रहते हैं। समुंद्र के सामने बीच काफी विस्तृत है। समीप ही काली मंदिर , वड़ू पार्क , समुंद्री जीवन को नजदीक से देखने के लिये आईएनएस कुरसुरा सबमरीन संग्रहालय और 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध के सैनिकों को समर्पित वार मेमोरियल भी पर्यटकों के आकर्षण के केंद्र हैं। समुंद्री तट की अद्भुत शांति और यहां का मौज-मस्ती वाला वातावरण आपको यक़ीनन एक खूबसूरत अहसास देगा। रामा कृष्ण मिशन के नाम पर बीच का नाम रखा गया। विशाखापट्नम का यह बीच सबसे लोकप्रिय स्थल सुंदर बीच है।
रशिकोंडा बीच
             विशाखापत्तनम के समीप करीब 8 किमी. दूरी पर इस सुंदर बीच पर सैलानी तैराकी के साथ-साथ बोट से समुंद्र की लहरों पर घूमने,  वाटर सर्फिंग और विंडसर्फिंग का भरपूर मज़ा लेते हैं। पूर्वी घाट की पहाड़ियों के मध्य स्थित बीच पर सुनहरी रेत का कालीन बिछा है और नीले रंग का पानी जब लहरों के साथ इसे भिगोता है तो यह दृश्य बड़ा ही मनोरम होता है। रेतीले तट पर समुंद्र  से हो कर आती ठंडी हवाएं सैलानियों को ताजगी से भर देती है। पर्यटक सुबह और शाम समुन्द्र के किनारे टट्टू (एक प्रकार का छोटा घोड़ा) की सवारी का लुत्फ भी उठा सकते हैं। तट पर पर्यटन विभाग का रेस्टोरेंट और पहाड़ी कॉटेज बने हैं, जहाँ पर्यटक आराम से ठहर कर विश्राम कर सकते हैं। विशाखापत्तनम के समीप होने से शहरवासी हर दिन यहां बड़ी संख्या में शाम को सुकून के पल बिताने आते हैं।
काकीनाडा बीच
           खुशनुमा मौसम एवं स्वच्छ वातावरण की वजह से यह बीच पेंशनर्स का स्वर्ग कहा जाता है। प्रकृति के साथ के साथ शांत समय बिता कर  तरोताजा होने के लिये यह बीच देश का बेहतरीन बीच है और आने वाले सैलानियों को बहुत से अवसर प्रदान करता है। रेत पर घूमना एवं सूर्य स्न्नान, समुद्र में तैरना, नौकाओं और बोट से समुद्र की लहरों के आनन्द, सूर्योदय एवं सूर्यास्त के सुंदर दृश्य, संगीतमय फव्वारें एवं फ़ूड कोर्ट्स के लजीज व्यंजन विशेष तौर पर स्थानीय लोकप्रिय व्यंजन खाजा का लुत्फ और देश का पहला कांच का ब्रिज सैलानियों को आकर्षित करते हैं। बीच पर पार्टी या कोई कार्यक्रम करने के लिये एक सुंदर हॉल भी उपलब्ध है। फोटोग्राफर्स यहाँ की सुंदरता को कैमरों में कैद करते नज़र आते हैं। बीच पर दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में आयोजित होने वाले चार दिवसीय वार्षिक " काकीनाडा बीच उत्सव" सैलानियों के आकर्षण का लोकप्रिय उत्सव है। बड़े पैमाने पर सैलानी इस उत्सव में भाग लेकर समुद्र की लहरों पर बोट की सवारी एवं अन्य जल क्रीड़ाओं, पैराग्लाइडिंग, वॉलीबाल,कबड्डी, साइकिल मैराथन, हवाई दृश्य को देखने के लिये हेलीकॉप्टर यात्रा, डॉग शो एवं फोटो आदि प्रतियोगिताएं , चट्टानों पर बैंड वादन एवं रात्रि में देश के  विख्यात कलाकारों के रंगारंग कार्यक्रमों से सैलानी मनोरंजन करतेे, भावविभोर हो उठते हैं। उत्सव के दौरान सैलानी काकीनाडा के दर्शनीय स्थलों का अवलोकन भी करते हैं। ठहरने एवं विश्राम के लिये बीच पर लग्जरी होटल्स बने हैं। अक्टूबर से मार्च तक का समय यहाँ आने के लिए उपयुक्त है। समीपस्थ राजहमुन्दर्य एयरपोर्ट 65 किमी.दूरी पर जबकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट 160 किमी. पर विशाखापत्तनम में स्थित हैं। काकीनाडा रेलवे जंक्शन है, जो कई शहरों से रेल द्वारा जुड़ा हुआ है।सभी प्रमुख शहरों से अच्छी सड़क परिवहन सेवाओं से जुड़ा है। यहाँ के रेस्टोरेंट एवं होटलों में शाकाहारी एवं मांसाहारी दोनों तरह का भोजन उपलब्ध है।
वोडारेवू बीच
         जीवन की भागदौड़, आपधापी और तनाव से दूर शांति और सुकून के कुछ पल बिताने के लिये चिराला के नजदीक वोडारेवू बीच एकदम शांत स्थल है। तट की  पीली रेत पर घूमना और समुन्द्र की उठती और गिरती लहरों को देखना मन को शांति प्रदान करता है। बीच पर सूर्योदय एवं सूर्यास्त के आकर्षक नजारों में सैलानी खो जाते हैं। जल्द सुबह एवं शाम को समुंद्र  में मछली पकडने वाली नावें जब किनारे पर आती हैं और शाम को मछलियां नौकाओं से उतारते हैं,वह दृश्य लुभावना होता है। मछुआरों की  नौकाओं में सैलानी समुद्र की सैर का आनन्द भी उठाते हैं। तट के समीप ही सैलानी नारियल के बगीचों की सैर करने और नारियल पानी पीने का लुत्फ भी उठाते हैं। नारियल का बागान, विशाल खुला मैदान और तेज हवाएं समुद्र तट पर जाकर पर्यटकों का मन मोह लेती हैं।  पर्यटन की दृष्टि से यह बीच अभी अनछूए बीचों में से एक है।  चिराला को सरकार ने निजी क्षेत्र में पर्यटन विकास के लिये चयन किया है। स्थानीय एवं आसपास के लोग सप्ताहंत पर मनोरंजन करने बीच पर आते हैं। यह बीच प्रकाशम जिले के चिराला से 6 किमी. की दूरी पर स्थित है। चिराला, विजयवाड़ा से 100 किमी. की दूरी पर है।
येरादा बीच
         येरादा बीच को पहाड़ियां और बंगाल की खाड़ी  सुंदरता प्रदान करते हैं। नर्म सुनहरी रेत और हरी-भरी वनस्पतियां यहां के आकर्षण हैं। प्रकृति प्रेमियों के लिये यह मनोहर बीच है। बीच का रखरखाव बहुत अच्छा है। शांत बीच पर आपको मस्ती करने की पूरी आजादी है। सूर्यास्त का दृश्य बड़ा ही मनोरम होता है। संध्या के समय बीच पर साइकिल चलाने का अपना मज़ा है। यहां सप्ताहंत पर स्थानीय लोग पिकनिक मनाने ज्यादा आते हैं। बीच से 4.6 किमी. पर ब्लैक मोर्स हिल पर डॉल्फिन्स नोज़ लाइट हाउस देखते ही बनता है। आप यहां कुछ देर बैठ कर प्रकृति की सुंदरता को निहार सकते हैं। बीच से करीब 11 किमी. पर स्थित रॉस हिल चर्च दर्शनीय स्थल है। बीच को देखने के लिये अक्टूबर से मार्च का समय अनुकूल है। यह बीच विजयवाड़ा से 15 किमी.दूरी पर स्थित ऑफ द रूट निजी बीच है।
भीमुनिपतनम बीच:
           भीमुनिपटनम बीच आंध्र प्रदेश के उत्कृष्ट और स्वच्छ समुंद्र तटों में से एक है। यहाँ का वातावरण बेहद शांत निर्मल है। एक तरफ तट की सुनहरी रेत और दूसरी और हरेभरे नारियल के पेड़ आर्कषक रूप प्रदान करते हैं। लाइट हाउस, डच कब्रिस्तान,प्राचीन क्लोक टॉवर ,पेंट की हुई मूर्तियां, बौद्ध सन्यासियों की प्रदर्शनी इसे जिंदादिल पर्यटक स्थल बनाती हैं। यह छिछले पानी का शांत बीच है। यहाँ के शहर का एक शानदार सांस्कृतिक इतिहास लिये बीच के दृश्य एकदम अद्भुत हैं। इसमें भगवान नरसिंह को समर्पित एक मंदिर भी है। बंगाल की खाड़ी पर गोड्थनी नदी के मिलन पर यह लोकप्रिय बीच विशाखापत्तनम से मात्र 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। आप विशाखापट्टनम जाये तो समय निकाल कर इसे देख सकते हैं।
कलिंगपटनम बीच:
             कलिंगपट्टनम समुद्र तट अपनी सुंदरता और रोमांटिक स्थानों के लिए जाना जाता है। यह बीच पूरे वर्ष हजारों भारतीय और विदेशी पर्यटकों की चहल पहल से आबाद रहता है। समुद्र का नीला पानी और स्वच्छ तट की छंटा आकर्षक है। सड़क तट तक जा कर खत्म हो जाती है,इसलिये इसे " ओपन रोड सी" भी कहा जाता है। यहाँ का समुन्द्री भोजन उल्लेखनीय है और होटल काफी आरामदायक और सस्ते हैं। सप्ताहांत के दौरान जाने के लिए यह समुन्द्र तट सबसे अच्छी जगह है। यह समुन्द्र तट का शहर राज्य के प्राचीन बन्दरगाह शहरों में से एक है,जो सुंदर स्थापत्य शैली के मंदिरों, आकर्षक रंगों के बंगलों और फूलदार वृक्षों से सुशोभित और आकर्षक है।
सूर्यलंका बीच 
          गुंटूर से 50 किमी. दूर बापटला शहर से 9 किमी. की दूरी पर स्थित है यह शांत बीच। समुन्द्र तट की प्राकृतिक सुंदरता  पर्यटकों को आकर्षित करती है। पर्यटक प्रायः  सप्ताहांत पर शांति और सुकून के लिए समुन्द्र तट पर आते हैं। समुन्द्र तट का किनारा चौड़ा और विशाल है। सूर्यलंका बीच बंगाल की खाड़ी के क्रिस्टल नीले पानी के साथ मनोहर प्रतीत होता है।
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डॉ. प्रभात कुमार सिंघल
1-F-18, आवासन मंडल कॉलोनी,कुन्हाड़ी,
कोटा, राजस्थान
मोबाइल-9938076040

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