
जम्मू और कश्मीर (Jammu kashmir) के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने सोमवार को कहा कि श्रीनगर मुठभेड़ की जांच जल्द पूरी होनी चाहिए, क्योंकि मारे गए तीन लोगों के परिवारों का दावा है कि उनके बेटे निर्दोष हैं. उमर ने ट्विटर पर लिखा कि केवल निष्पक्ष और पारदर्शी जांच से मारे गए लोगों के परिवारों को संतुष्ट किया जा सकता है.
उमर ने ट्वीट (Tweet) किया, “यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इस मुठभेड़ की जांच जल्द से जल्द पूरी की जाए. एलजी मनोज सिन्हा की तरफ से वादा किए गए एक निष्पक्ष और पारदर्शी जांच से ही उन परिवारों को संतुष्ट किया जा सकता है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया था और वे निर्दोष थे.”
“एलजी ने इस मुठभेड़ में निष्पक्ष और तुरंत जांच का वादा किया है. नेशनल कांफ्रेंस के लोकसभा सदस्य हसनैन मसूदी ने उनसे हाल ही में इस सिलसिले में उनसे बात की थी. हमें उम्मीद है कि एलजी शव उनके परिवारों को सौंपने का आदेश भी देंगे.”
परिवार वालों ने सुरक्षा बलों के दावे का किया खंडन
30 दिसंबर को श्रीनगर के लवेपोरा में हुई एक मुठभेड़ में पुलवामा के एजाज गनाई, शोपियां के जुबैर लोन और पुलवामा के ही अतहर मुश्ताक मारे गए थे. सेना ने कहा कि उन्हें बार-बार आत्मसमर्पण करने का मौका दिया गया, जो उन्होंने नहीं किया और इसके बजाय सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की और ग्रेनेड फेंके. मारे गए लोगों के परिवार वालों ने सुरक्षा बलों के दावे का खंडन किया है और कहा कि उनके बच्चे आतंकवादी नहीं हैं.
पुलिस ने कहा कि हालांकि मुठभेड़ में मारे गए तीनों के नाम आतंकवादियों की सूची में नहीं थे, फिर भी उनमें से दो आतंकवादियों के सहयोगी थे. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी अपनी मांग दोहराई है कि मुठभेड़ में मारे गए तीनों के शव उनके परिजनों को सौंपे जाएं, और मामले की निष्पक्ष जांच हो.
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