पूर्व सांसद माननीय स्व. वंशीधर धनगर जी के जज्बे को शत शत नमन!


    पूर्व सांसद माननीय स्व. वंशीधर धनगर के नाती एडवोकेट गौरव धनगर ((जो इटावा नगर के शती मुहल्ला में स्व. धनगर साहब के समय से निर्मित आवास में अपने पेरेंट्स के साथ रहते हुए सिविल सर्विस (आईएएस) की तैयारी कर रहे हैं। आपसे शिस्टाचार मिलन हुआ। इस मुलाकात में हम दोनों के बीच स्व. श्री धनगर साहब के 1952 से लेकर 1962 तक चले राजनैतिक सफर में घटे तमाम घटनाक्रमों पर चर्चा हुई। 1952 में देश की आजादी के पहले आम चुनाव में जिस व्यक्ति ने मैनपुरी की लोकसभा सीट पर नेहरू काँग्रेस के शासनकाल में कांग्रेस के ही अत्यन्त मजबूत प्रत्याशी की जमानत जप्त करके स्वयं नेहरू जी को उन्हें कांग्रेस ज्वाइन करने व कैबिनेट मंत्री बनाने का आॅफर देने को विवश कर दिया हो वह व्यक्तित्व निश्चित रूप से असाधारण ही रहा होगा, लेकिन दुर्भाग्य समाज का।    
     आज मुझे यह मानने से कोही परहेज नहीं है कि जिनके पूर्वज का इतिहास इतना गौरवशाली हो उनके वंसजों को ही नहीं अपितु पूरे समाज के लोगों को स्वयं को भाग्यशाली मानकर उनसे प्रेरणा लेते हुए अपने सपनों को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए था। 
     खैर जब जागो तभी सबेरा वाली लोकोक्ति को ध्यान में रखकर हमें उम्मीद ही नहीं वल्कि पूर्ण यकीन हैं कि धनगर साहब का वो प्रेरणादायी राजनैतिक सफर व्यर्थ नहीं जाएगा, आने वाले वक्त में परिवार एवं समाज के अनेकों अनेक लोग उनसे प्रेरणा लेकर अपने सपनों को साकार करते अवश्य दिखेंगे। धन्यवाद।
प्रस्तुति: समाजसेवी वीरेन्द्र सिंह बघेल 

पाल वर्ल्ड टाइम्स की खबरों को शेयर करें और सोशल मीडिया पर भी फॉलो करना न भूलें।