देश में कोरोना टीके का इंतजार खत्म, वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत कल से

पिछले साल की शुरुआत में देश में पहली बार जानलेवा कोरोना वायरस ने दस्तक दी थी। इसके बाद मानो देश पर आफत टूट पड़ी। इस महामारी से रोकथाम के लिए हर कोई वैक्सीन आने का इंतजार कर रहा था लेकिन अब ये इंतजार खत्म हो गया है। देश में शनिवार से कोरोना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का अभियान शुरू होने जा रहा है। इस अभियान को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरू करेंगे।

यह दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम होगा जो पूरे देश को कवर करेगा। लॉन्च के दौरान सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के कुल 3006 वैक्सिनेशन केंद्र जुड़ेंगे। उद्घाटन के दिन प्रत्येक सेंटर पर 100 लाभार्थियों को टीका लगाया जाएगा। यह टीकाकरण कार्यक्रम स्वास्थ सेवाओं से जुड़े फ़्रंट लाइन वर्कर को टीका लगाने के लिए होगा, ये कार्यक्रम सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के फ़्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाने के लिए ख़ास तौर पर चलाया जा रहा है।

वैक्सीन को लेकर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में टीकों की पर्याप्त खुराकें भेज दी गई हैं। इस बीच केंद्र ने राज्यों को आवश्यक दिशानिर्देश भेजे हैं। दिशानिर्देश में केंद्र ने कहा कि सिर्फ 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के लिए टीकाकरण की अनुमति है। जो महिलाएं गर्भवती हैं और जिनकी गर्भावस्था तय नहीं है, और जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं वो कोरोना का टीका न लगवाएं।

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण हैं तो उस व्यक्ति का टीकाकरण ठीक होने के 4-8 हफ़्ते बाद होना चाहिए। वैक्सीन की जिम्मेदारी संभाल रहे लोगों को 14 दिनों के अंतराल से अलग किया जाना चाहिए। दूसरी खुराक उसी वैक्सीन की होनी चाहिए जिसमें पहली डोज ली गई थी। वैक्सीन के इंटरचेंजिंग की अनुमति नहीं है।

अमेरिका, रूस, , ब्रिटेन और इजरायल समेत दुनिया के कई देशों ने भारत से पहले ही कोरोना वैक्सीन का टीका लगाना शुरू कर दिया था। इसको लेकर विपक्ष ने केंद्र की मोदी सरकार पर कई सवाल खड़े किए। विपक्ष ने आरोप लगाया कि दुनिया के लाखों लोगों को वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है, लेकिन सरकार ने अभी तक देश में टीकाकरण कार्यक्रम शुरू नहीं किया।

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